The Quran (article): Guide Book
The Qur'an:
This is the voice of Allah (who wrote Quran)
Allah's creation plan
Guide Book: This is about Our life's journey
The purpose of the Qur'an
Allah's guidance in your life
In Hindi Language: (who wrote quran)
अल्लाह की उतारी हुई अल्लाह की वाणी (Words of God):
आप क़ुरआन को पढ़ें तो आप उसमें बार बार इस तरह के वर्णन पायेंगे कि यह अल्लाह की उतारी हुई वाणी ( Word of God ) है । प्रत्यक्ष रूप से यह एक साधारण सी बात है , परन्तु जब इसको तुलनात्मक रूप से देखा जाये तो पता चलेगा कि यह अत्यन्त असाधारण बात है ।
संसार में बहुत सी किताबें हैं जिनके सम्बन्ध में लोगों का विश्वास है कि वह आसमानी किताबें हैं । परन्तु क़ुरआन के अतिरिक्त किसी भी पवित्र धर्म ग्रन्थ में आपको यह लिखा हुआ नहीं मिलेगा कि- यह अल्लाह की वाणी है ।
इस तरह का वर्णन विशेष रूप से मात्र क़ुरआन में पाया जाता है । क़ुरआन में इस तरह वर्णन का होना , उसके पाठक को एक प्रारंभिक बिन्दु ( Starting Point ) देता है । वह क़ुरआन का अध्ययन एक विशेष प्रकार की पुस्तक के रूप में करता है , न कि साधारण मानवीय पुस्तक के रूप में ।
अल्लाह की सृष्टि निर्माण योजना ( Creation Plan of God )
प्रत्येक किताब का एक विषय ( subject ) होता है । क़ुरआन का विषय यह है कि अल्लाह की सृश्श्टि निर्माण योजना ( Creation Plan of God ) से मनुष्य को अवगत कराया जाये , अर्थात मनुष्य को यह बताया जाये कि अल्लाह ने यह संसार किस लिए बनाया है ।
मनुष्य को धरती पर बसाने का उद्देश्य क्या है । मृत्यु से पहले के जीवन काल में मनुष्य से क्या वांछित है , और मृत्यु के बाद के जीवनकाल में मनुष्य के साथ क्या घटित होने वाला है । मनुष्य एक अमर रचना है । उसकी जीवन यात्रा मृत्यु के बाद भी जारी रहती है ।
क़ुरआन इस सम्पूर्ण जीवन यात्रा के लिए एक मार्गदर्शक किताब की हैसियत रखता है । मनुष्य को इस वास्तविकता से अवगत करना , यही क़ुरआन का उद्देश्य है और यही क़ुरआन की वार्त्ता का विषय है । अल्लाह ने मनुष्य को एक अमर रचना की हैसियत से पैदा किया ।
फिर उसके जीवन काल को दो भागों में बाँट दिया । उसका बहुत थोड़ा भाग मृत्यु से पहले के समय में रखा और उसका अधिक बड़ा भाग मृत्यु के बाद के जीवन काल में रख दिया । मृत्यु से पहले का जो काल है , वह परीक्षा काल है और मृत्यु के बाद का जो काल है वह परीक्षाफल के अनुसार , अच्छा या बुरा परिणाम पाने का काल ।
लाईफ सपोर्ट सिस्टम ( Life Support System )
क़ुरआन , जीवन की इसी वास्तविकता के लिए एक परिचयात्मक पुस्तक की हैसियत रखता है । क़ुरआन एक दृष्टि से उपकार करने वाले की ओर से पुरस्कार का अनुस्मरण है ।
अल्लाह ने मनुष्य को विशेष गुणों के साथ पैदा किया । फिर उसको पृथ्वी जैसे ग्रह पर बसाया , जहाँ मनुष्य के लिए प्रत्येक किस्म का लाईफ सपोर्ट सिस्टम ( Life Support System ) उपलब्ध है । क़ुरआन का उद्देश्य यह है कि मनुष्य , प्रकृति के इन पुरस्कारों से लाभान्वित होते हुए उपकार करने वाले को याद रखे । वह पुरस्कारों के रचयिता पर आस्था रखे ।
पुरस्कारों का उपभोग करते हुए उपकारक को मानना और उसके तगादों को पूरा करना , यही सदैव रहने वाली जन्नत का सर्टिफिकेट ( certificate ) है । और पुरस्कारों का उपभोग करते हुए उपकारक को भूल जाना , मनुष्य को नरक ( जहन्नम ) का भागी बना देता है । क़ुरआन वास्तव में इसी सबसे बड़ी वास्तविकता का अनुस्मरण है ।
सच्चाई की खोज (Search for truth)
जो लोग क़ुरआन के माध्यम से सच्चाई की खोज करें , उनको क़ुरआन काम करने का दो सूत्रीय कार्यक्रम देता है । अपने जीवन में अल्लाह के मार्गदर्शन का पूर्ण रूप से आज्ञापालन , और दूसरे मनुष्यों को इस आसमानी मार्गदर्शन से अवगत कराना ।
आसमानी मार्गदर्शन के आज्ञापालन का प्रारम्भ , बोध अथवा आसमानी वास्तविकता की खोज से होता है । एक व्यक्ति जब क़ुरआन के माध्यम से सच्चाई की खोज करता है तो उसके अन्दर एक मानसिक क्रान्ति पैदा होती है । उसकी सोच बदल जाती है । उसके चाहने और न चाहने के मानक बदल जाते हैं । उसका जीवन अन्दर से बाहर तक एक नये दिव्य नक्शे में ढल जाता है ।
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