इस्लाम धर्म क्या है

इस्लाम धर्म क्या है |

*इस्लाम कहता है कि हमें एक ईश्वर को पुजना चाहिए जो हम सबका मालिक हैं। जिसका कोई रंग हैं ना कोई रूप हैं। जिसे किसी ने नहीं बनाया पर उसने हर चीज़ को बनाया।*

2.5% गरीबों को देना 

इस्लाम कहता है कि तुम्हारी मेहनत की कमाई से 2.5% गरीबों को देना हर हालत में जरूरी हैं।

लोगों की मदद

इस्लाम कहता है कि तुम लोगों की मदद करोगे तो खुदा तुम्हारी मदद करेगा। और जो कुछ भी तुम अपने लिए चाहते हो वही सबके लिए भी चाहो तो ही एक सच्चे मुसलमान बन सकते हो।

रोज़े रखना

इस्लाम कहता है कि तुम एक महीने तक सुबह से शाम भूखे और प्यासे रहो ताकि तुम्हें एहसास हो सकें कि भूख और प्यास क्या होती हैं।

बेटियाँ तो खुदा की रहमत

इस्लाम कहता है कि तुम्हारे घर बेटी पैदा हो तो दुखी मत होना क्योंकि बेटियाँ तो खुदा की रहमत (इनाम) हैं और जो व्यक्ति अपनी मेहनत की कमाई से अपनी बेटी की परवरिश करें और उसकी अच्छे घर में शादी कराएँ तो वो जन्नत (स्वर्ग) में जायेगा।

अच्छा सुलूक

इस्लाम कहता है कि सबसे अच्छा आदमी वो हैं जो औरतों के साथ सबसे अच्छा सुलूक करता हैं।

विधवाएं मनहूस नहीं होती

इस्लाम कहता है कि विधवाएं मनहूस नहीं होती इन्हें भी एक बेहतर जीवन जीने का पूरा अधिकार है। इसलिए विधवाओ और उनके बच्चों को अपनाओ।

सब आपस मे बराबर हो

इस्लाम कहता है कि मुसलमानों जब नमाज पढ़ो तो एक दूसरे से कन्धे से कन्धा मिलाकर खड़े रहो क्योंकि तुम सब आपस मे बराबर हो तुम में से कोई छोटा या बड़ा नहीं हैं।

पड़ोसियों से अच्छा बर्ताव करो

इस्लाम कहता है कि मुसलमानों अपने पड़ोसियों से अच्छा बर्ताव करो चाहे तुम उन्हें जानते हो या जानते हो। और खुद खाने से पहले अपने पड़ोसी को खाना खिलाओ।

शराब और जुआ बुराइयों की जड़ है।

इस्लाम कहता है कि शराब और जुआ सारी बुराइयों की जड़ है। इनसे अपने आप को दूर रखे।

गरीब और अनाथ की बददुआ

इस्लाम कहता है कि मजदूर का पसीना सूखने से पहले पहले उसकी मजदूरी दे दो और कभी किसी गरीब और अनाथ की बददुआ लेना नहीं तो बरबाद हो जाओगे।

अपने आप को जलन (ईर्ष्यासे दूर रखो

इस्लाम कहता है कि अपने आप को जलन (ईर्ष्या) से दूर रखो क्योंकि ये तुम्हारे (नेकियों) अच्छे कामों को ऐसे बरबाद कर देती हैं जैसे दीमक लकड़ी को।

सबसे बड़ा जिहाद

इस्लाम कहता है कि सबसे बड़ा जिहाद ये है कि कोई व्यक्ति अपनी इच्छाओं को मारे और अपने आप से लड़े।

सबसे बड़ा पुण्य

इस्लाम कहता है कि अगर खुश रहना चाहते हो तो किसी अमीर को मत देखो बल्कि गरीब को देखो तो खुश रहोगे। और लोगों से अच्छा बर्ताव करना सबसे बड़ा पुण्य का काम हैं।

नैतिकता और सच्चाई

इस्लाम कहता है कि हमेशा नैतिकता और सच्चाई के रास्ते पर चलो। बोलों तो सच बोलों, वादा करो तो निभाओ और कभी किसी का दिल मत दुखाओ।

बुरी दावत

इस्लाम कहता है कि सबसे बुरी दावत वह हैं जिसमें अमीरों को तो बुलाया जाता हैं, परन्तु गरीबों को नहीं बुलाया जाता हैं।

पानी का दुरूपयोग

पानी को ज़रूरत तक ही इस्तेमाल (उपयोग) करना और बिना वजह पानी का दुरूपयोग करना गुनाह (पाप)

दुसरो को पीड़ा  हो

रास्ते में अगर कोई तक़लीफ़ देने वाली वस्तु (पत्थर,कील) होतो उसे किनारे करना जिससे दुसरो को पीड़ा हो।

महिलाओ को बुरी नजर से देखना

इस्लाम कहता है कि अन्जान महिलाओ पर नज़र पड़े तो आँखें नीची कर लो क्योंकी गैर महिलाओ को बुरी नजर से देखना गुनाह(पाप) है।

धार्मिक किताब नही है।

    कुरान सिर्फ मुसलमान की धार्मिक किताब नही है। कुरान तो हिन्दुस्तान ही नही दुनिया के हर इंसान के लिए हर समाज के लिए सही रास्ते पे चलने का और एक बेहतरीन जिंदगी जीने का रास्ता है। हर इंसान को कुरान पढ़ना चाहिए ओर उसे समझना चाहिए.

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